अब केवल NAAC ही नहीं है काफी

अब बनेंगीं और अक्रेडिटेशन एजेंसियां
नई दिल्ली। हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट के अक्रेडिटेशन के मूल्यांकन में होने वाले देरी से बचने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) और अक्रेडिटेशन एजेंसी बनाने की तैयारी में है। अभी सिर्फ नैशनल असेसमेंट ऐंड अक्रेडिटेशन काउंसिल यह काम करती है, जिसकी वजह से उस पर काफी बोझ है। यूनिवर्सिटी जल्द ही और एजेंसी तैयार करने के लिए एक अक्रेडिटेशन काउंसिल बनाएगी। यूजीसी इसके लिए सरकार के अलावा अब सेमी-गवर्नमेंट एजेंसी को भी मौका दे रही है। हालांकि, यूजीसी के इस फैसले पर कई शिक्षाविदों का यह भी कहना है कि इससे एजुकेशन का प्राइवेटाइजेशन होगा क्योंकि प्राइवेट पार्टी इसे पैसा बनाने का सिस्टम बना सकती है। यह भी सुझाव दिया जा रहा है कि अगर एजेंसी बढ़ानी ही है तो क्यों ना राज्य सरकारों को यह काम दिया जाए। यूजीसी के सेक्रेटरी रजनीश कुमार ने वाइस चांसलर्स से कहा है कि हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट की जरूरतों को पूरा करने के लिए मान्यता देने के प्रोसेस की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इसके लिए कमिशन ने यूजीसी (रेकग्निशन ऐंड मॉनिटरिंग ऑफ असेसमेंट एंड अक्रेडिटेशन एजेंसीज) के लिए नोटिफिकेशन जारी की है। कमिशन का मानना है कि नैक और नैशनल बोर्ड ऑफ अक्रेडिटेशन के अलावा बाकी एजेंसी को शामिल करने से सभी इंस्टिट्यूट, टेक्निकल समेत सभी तरह के प्रोग्राम के लिए मान्यता जरूरी की जा सकेगी। यूजीसी ने तय किया है कि इसके लिए गवर्नमेंट के अलावा सेमी-गवर्नमेंट एजेंसी, जो कि कंपनी एक्ट 2013 के तहत बतौर कंपनी रजिस्टर हो या सोसायटीज रजिस्ट्रेशन ऐक्ट के तहत सोसायटी या इंडियन ट्रस्ट ऐक्ट के तहत ट्रस्ट भी रजिस्टर कर सकते हैं। सभी रेग्युलेशन असेसमेंट ऐड अक्रेडटेशन एजेंसीज के लिए लागू होंगे। वहीं, इंस्टिट्यूशन को मान्यता का प्रोसेस के लिए एएए की तीन चॉइस देनी होगी, जिनमें से एक उन्हें अलॉट किया जाएगा। यूजीसी ने इसके लिए अक्रेडिटेशन अडवाइजरी काउंसिल बनाई है, जिसमें 10 मेंबर्स हैं। इनमें हायर एजुकेशन, असेंसमेंट और अक्रेडिटेशन के के एक्सपर्ट शामिल हैं। शुरुआत में एचआरडी की नियुक्त की गई कमिटी से जिनकी सिफारिश हुई हैं, वो ही इस कमिटी में होंगे। यूजीसी का कहना है कि यह काउंसिल मेरिट के हिसाब से एजेंसियों का चुनाव करेंगी और इनके रजिस्ट्रेशन के लिए यूजीसी के सामने रखेंगी। यूजीसी इन्हें मान्यता देगा। कमिशन का मानना है कि इस सिस्टम से पारदर्शिता आएगी, साथ ही मूल्यांकन का काम जल्द से जल्द होगा। साभार

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