अखिल भारतीय साहित्य परिषद् गाजियाबाद ने किया ऐलान
गाजियाबाद। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् गाजियाबाद एवं बार एसोसिएशन गाजियाबाद के संयुक्त तत्वावधान में महाकवि डॉ. कुँअर बेचैन के ७७वें जन्मोत्सव पर ‘एक शाम डाॅ. कुँअर बेचैन के नाम’ से विराट साहित्यिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस मौके पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद गाजियाबाद ने महाकवि डॉ कुँअर बेचैन साहित्य शिखर सम्मान की घोषणा करते हुए डॉ बेचैन को 11 हजार रुपये, शाल, स्मृति चिह्न, बांसुरी, सम्मान पत्र, गुलदस्ते आदि भेंट किये। यह सम्मान हर साल हिंदी साहित्य की किसी भी एक विधा के रचनाकार को उसकी उल्लेखनीय साहित्य साधना के लिये प्रदान किया जाएगा।
इस तारीखी साहित्य-समागम में जहां मुख्य अतिथि के रूप में जनपद न्यायाधीश श्री गिरिजेश कुमार पाण्डेय की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही, वहीं अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि की भूमिका में क्रमशः ओज के मूर्धन्य कवि श्री कृष्णमित्र और स्वागताध्यक्ष बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष श्री अनिल पंडित विराजमान रहे.। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मेरठ प्रांत के अध्यक्ष देवेन्द्र देव मिर्जापुरी विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। गाजियाबाद के तमामतर न्यायिक अधिकारियों व दिल्ली-एन.सी.आर. के प्रायः सभी प्रमुख साहित्यकारों की मौजूदगी ने समारोह की अज्मत को दोबाला कर दिया। इस अदबी जलसे का संचालन सुपरिचित शायर और अधिवक्ता उत्कर्ष गाफिल ने करके चार चांद लगा दिए।
सम्मान की सभी औपचारिकताओं के बाद शुरू हुआ महाकवि डॉ. कुँअर बेचैन का एकल कविता पाठ, जिसने जिला बार सभागार में उपस्थित सभी श्रोताओं को मानो सम्मोहित कर लिया। महाकवि बेचैन का तिलिस्म देर रात तक श्रोताओं के सिर चढ़कर बोलता रहा और हाजिरीन की तरफ से मुसलसल फरमाइशें आती रहीं। डाॅ. बेचैन ने सभी का इसरार यथासंभव अपने औलियाना अंदाज में पूर्ण भी किया। सभी को ऐसा महसूस हो रहा था कि यह रात यहीं ठहर जाए और महाकवि बेचैन की निर्मल काव्य-रसधार की बरसात होती रहे, मन-आंगन भिगोती रहे। इस शानदार आयोजन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् गाजियाबाद की अध्यक्ष श्रीमती मीरा शलभ, सचिव और इस सारस्वत अनुष्ठान के रूहे-रवां चेतन आनंद, अखिल भारतीय साहित्य परिषद मेरठ प्रान्त के अध्यक्ष देवेन्द्र देव मिर्जापुरी, प्रदेश सचिव श्री अरविंद भाटी, सुप्रसिद्व शायर आलोक बेजान डॉ. अंजू जैन, डॉ राखी अग्रवाल, तूलिका सेठ, गोविंद गुलशन, रोमी माथुर, संरक्षक डॉ पी. कुमार, गिरीश सारस्वत, मयंक राजेश, वंदना कुँअर रायजादा, प्रीति गोयल, नीरजा चतुर्वेदी, ममता लड़ीवाल, सुधीर माथुर, कल्पना कौशिक, अनिमेष शर्मा, बीके वर्मा शैदी, डॉ राजीव पांडेय, डॉ जय प्रकाश मिश्र, भूपेंद्र त्यागी, प्रदीप शर्मा, शरद रायजादा, विश्वास त्यागी, करुण कुमार कौशिक, सतीश वर्द्धन, राज चैतन्य, रामवीर आकाश, परवेज गहलोत, राज कौशिक, पृथ्वी सिंह कसाना, राकेश सेठ, धनेश प्रकाश गर्ग, दर्शनानन्द गौड़, बृजनंदन पचैरी, परमानंद गौड़, सीमा सिंह, डॉ. वीना मित्तल, मधु श्रीवास्तव, डॉ अल्पना सुहासिनी, डॉ नीतू, डॉ पुष्पलता, वेद प्रकाश वेद, कृष्ण भारतीय, इंदु शर्मा, मृत्युंजय साधक, डॉ अंजू सुमन साधक, अनूप पांडेय सहित अनेक मुअज्जिज अहले-अदब की शिरकत काबिले-कद्र रही। अंत में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् गाजियाबाद के मुख्य संरक्षक अशोक श्रीवास्तव ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।