एमिटी विश्वविद्यालय में स्पेशल ओलंपिक्स यंग एथलिट-ट्रेन द ट्रेनर कार्यशाला का आयोजन

अनेक देशों के 90 खेल प्रशिक्षक देंगे स्पेशल बच्चों को ट्रेनिंग
नोएडा। एमिटी विश्वविद्यालय में स्पेशल ओलंपिक भारत व एमिटी विश्वविद्यालय के सहयोग से देश के विभिन्न राज्यों सहित श्रीलंका, भूटान, नेपाल एवं अफगानिस्तान से आये कुल 90 खेल प्रशिक्षकों के लिए ‘स्पेशल ओलंपिक्स यंग एथलिट-ट्रेन द ट्रेनर’ नामक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ स्पेशल ओलंपिक्स इंटरनेशनल की यंग एथलिट की सीनियर मैनेजर रेबेका रालस्टन, स्पेशल ओलंपिक्स इंटरनेशनल के एशिया पैसेफिक के रीजनल प्रेसीडेंट सिमोन कोह, स्पेशल ओलपिंक्स भारत के नेशनल डायरेक्टर (स्पोर्ट्स) विक्टर आर वाज, स्पेशल ओलपिंक्स भारत के नेशनल डायरेक्टर (आॅरगनाइजेशन डवलपमेंट), एमिटी स्कूल आॅफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज की निदेशिका डाॅ. कल्पना शर्मा, एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ रिहेबिलिटेशन साइंसेज की निदेशिका डाॅ. जंयत पुजारी आदि ने पांरपरिक दीप जलाकर किया। कार्यशाला के अंतर्गत खेल प्रशिक्षकों को 2 से 7 साल के बौद्धिक रूप से विकलांग छात्रों (युवा एथलिट) को स्पेशल ओलपिंक्स में तैयार होने के लिए प्रारंभिक स्तर की ट्रेनिंग, युवा एथलिटों के कोचों की भूमिका आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
रेबेका रालस्टन ने खेल प्रशिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बौद्धिक रूप से विकलांग छात्रों (युवा एथलिट) को प्रशिक्षण प्रदान करने वाले आप सभी खेल प्रशिक्षकों का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण एवं कठिन है। आपको छात्रों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रशिक्षित करना पड़ता है।उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में बौद्धिक रूप से विकलांग छात्र (युवा एथलिट) ऐसे भी है जिन्हें प्रशिक्षण तो क्या स्कूल भी नहीं जाते। बौद्धिक रूप से विकलांग छात्रों (युवा एथलिट) को स्पेशल ओलंपिक्स के लिए तैयार करने हेतु आपका सहयोग आवश्यक है। इस कार्यशाला के विभिन्न भागों में इस कौशल विकास कार्यक्रम की आवश्यकता एवं प्रभाव, खेल प्रशिक्षकों की जवाबदारी, युवा एथलीट के लिए प्लान का निर्माण, सहयोग व संरचना को पहचानना, गतिविधियों का प्रशिक्षण, माॅडल का कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी जायेगी। इसमें हम बौद्धिक रूप से विकलांग छात्रों (युवा एथलिट) के मध्य बुनियादी खेल कौशल जैसे दौड़ना, फुटबाल को किक करना या बाॅल फेकना को विकसित करने का प्रशिक्षण देते हैं। सुश्री रालस्टन ने कहा कि एमिटी द्वारा खेलों एवं खेल प्रशिक्षण को विकसित करने मे अतुलनीय कार्य किया जा रहा है। सिमोन कोह ने कहा कि आप इस कार्यशाला से जो भी ज्ञान प्राप्त करके जायें उसे अपने तक सीमित न रखें औरों के साथ बांटें। कुछ अलग हटकर कुछ नया करें। विक्टर आर वाज ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला बौद्धिक रूप से विकलांग छात्रों (युवा एथलिट) के विकास मेें सहायक होगी। डाॅ. कल्पना शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी द्वारा हर क्षेत्र में हर व्यक्ति के लिए खेल को बढ़ावा देने एवं प्रशिक्षकों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। एमिटी के संस्थापक डाॅ. अशोक कुमार चौहान का मानना है कि जीवन में सफलता का महत्व तभी है जब आपके द्वारा ग्रहण किये गये ज्ञान से समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो। इस अवसर पर तकनीकी सत्र के अंर्तगत खेल प्रशिक्षकों को डवलपमेंट स्पोर्ट्स, फैमिली इंगजेमेंट, युवा एथलिटों में स्थायित्व आदि पर जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में एमिटी स्कूल आॅफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेस के डॉ अजीत भी उपस्थित थे।

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