गाजियाबाद। व्यक्ति जब लक्ष्य को प्राप्त करने की मन में ठान ले तो बड़ी-बड़ी बाधाएं भी उसके आड़े नहीं आती हैं। ऐसा ही कुछ दिखाया एमिटी स्कूल के सार्थक श्रीवास्तव ने। जिन्होंने ब्लड कैंसर जैसी बीमारी से जूझते हुए स्कूल की टॉपर्स लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया है। भविष्य में सार्थक होटल मैनेजमेंट में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इंदिरापुरम शिप्रा सन सिटी के निवासी सार्थक श्रीवास्तव की माता रजनी श्रीवास्तव ने बताया कि उनका बेटा सार्थक श्रीवास्तव वसुंधरा सेक्टर 6 के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि सार्थक पिछले दो सालों से कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहा है। उनको ब्लड कैंसर है, इसलिए समय-समय पर उन्हें कीमोथैरिपी कराने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। ऐसे में पढ़ाई कर पाना सार्थक के लिए काफी मुश्किल काम है। उन्होंने बताया कि सार्थक को बचपन से ही कुछ न कुछ क्रिएटिव करने की आदत रही है, लेकिन बीमारी के चलते वह पढ़ाई को अधिक समय नहीं दे पाते हैं फिर भी कम समय में उनका प्रयास अच्छा रहा है। सार्थक के पिता नोएडा में आईडिया में कार्यरत हैं। जबकि वह खुद गृहिणी हैं, उन्होंने बताया कि कीमोथैरिपी के कारण सार्थक की हड्डियां काफी कमजोर हो गई हैं। जब वह कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे थे, तब उनको बार-बार कीमोथैरिपी कराने के लिए भी जाना पड़ा। इसके चलते सार्थक के हाथ में फ्रैक्चर भी हो गया। लेकिन सार्थक ने अपनी मेहनत और लगन अपने परिवार का ही नहीं बल्कि स्कूल और जिले का नाम रोशन किया है। उन्होंने यह कर दिखाया है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। साभार