नवीन पाण्डे
मुंबई। स्टेट बोर्ड का बारहवीं का रिजल्ट घोषित होते ही डिग्री कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, ऐसे में विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। केंद्रीय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार, देश में 850 और महाराष्ट्र में 55 विश्वविद्यालय ही मान्यता प्राप्त हैं, जबकि 24 विश्वविद्यालय अवैध रूप से चल रहे हैं। नागपुर का राजा अरेबिक विश्वविद्यालय भी फर्जी विश्वविद्यालय की सूची में शामिल है। सरकारी और निजी दोनों ही नौकरियों में जाली विश्वविद्यालयों की डिग्री की कोई मान्यता नहीं है।
केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालय
देश में दो दर्जे के विश्वविद्यालय हैं, एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और दूसरे राज्य विश्वविद्यालय। केंद्रीय विश्ववियालय संसद द्वारा बनाए गए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत कार्य करते हैं, जबकि राज्य के विश्वविद्यालय के लिए हर राज्यों का अपना अधिनियम है। इसके तहत विश्वविद्यालयों के काम-काज का संचालन होता है। अगर विद्यार्थियों को कोई विश्वविद्यालय जाली लगता है, तो वे यूजीसी की वेबसाइट से सत्यता जांच सकते हैं।
161 साल पुराना है मुंबई विश्वविद्यालय
देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में मुंबई विश्वविद्यालय शामिल है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1857 में हुई थी। इसी साल मद्रास विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय की भी स्थापना हुई थी। फिलहाल, ऑनलाइन मूल्यांकन की वजह से परीक्षा परिणाम घोषित देर से घोषित करने को लेकर मुंबई विश्वविद्यालय सवालों में है, लेकिन डॉ. सुहास पेडणेकर के कुलपति बनने के बाद स्थिति को लगातार संभालने की कोशिश जारी है।
ऐसे आते हैं जाली विश्वविद्यालयों के झांसे में
इंजिनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में जिन विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाता है, जब वे इंजिनियरिंग करने के लिए विकल्प तलाशते हैं, तो ऐसे विश्वविद्यालयों के झांसे में आ जाते हैं, जबकि यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) देनी पड़ती है। इंजिनियरिंग के लिए जेईई और राज्य की इंजिनियरिंग प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। अगर इन परीक्षाओं में बिना बैठे कोई विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रवेश देने का दावा करता है, तो विद्यार्थियों को सावधान हो जाना चाहिए। उन्हें दाखिला लेने से पहले उस विश्वविद्यालय और कॉलेज के बारे में पता लगाना चाहिए। फर्जी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में इंजिनियरिंग और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों का पैसा और समय दोनों बर्बाद होता है। इन कॉलेजों और विश्वविद्यालय को डिग्री देने का अधिकार नहीं है। इसीलिए यूजीसी की तरफ से विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को सावधान करने के लिए चेतावनी दी जाती है।
ये हैं देश के जाली विश्वविद्यालय
राजा अरेबिक यूनिवर्सिटी (नागपुर, महाराष्ट्र), कमर्शल यूनिवर्सिटी लिमिटेड (दरियागंज,नई दिल्ली), यूनाइटेड यूनिवर्सिटी (दिल्ली), वोकेशनल यूनिवर्सिटी (दिल्ली), ए.डी.आर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी (दिल्ली), इंडियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड इंजिनियरिंग (दिल्ली), विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ एंप्लॉयमेंट (दिल्ली), आध्यात्मिक विश्वविद्यालय (दिल्ली), बडागानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी (कर्नाटक), सेंट जॉन विश्वविद्यालय, (कृष्णट्टम, केरल), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन (कोलकाता), इंस्टिट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन ऐंड रिसर्च (कोलकाता), नेताजी सुभाषचंद्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी (अलीगढ़, उत्तर प्रदेश), वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय (वाराणसी), महिला ग्राम विश्वविद्यालय (प्रयाग, उत्तर प्रदेश), गांधी हिंदी विद्यापीठ (प्रयाग, इलाहाबाद), नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होमियोपैथी (कानपुर, उत्तर प्रदेश), उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय (मथुरा), महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय (प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश), इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद (नोएडा), नवभारत शिक्षा परिषद (ओडिशा), नॉर्थ ओडिशा यूनवर्सिटी ऑफ अग्रिकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी (ओडिशा), श्रीबोधी अकैडमी ऑफ हायर एजुकेशन (ओडिशा), मैथिली विश्वविद्यालय (दरभंगा, बिहार)।
ये हैं देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय राज्य वर्ष
मुंबई विश्वविद्यालय महाराष्ट्र 1857
मद्रास विश्वविद्यालय तमिलनाडु 1857
कलकत्ता विश्वविद्यालय प. बंगाल 1857
इलाहाबाद विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश 1887
काशी हिंदू विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश 1916
मैसूर विश्वविद्यालय कर्नाटक 1916
उस्मानिया विश्वविद्यालय तेलंगाना 1918
लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश 1921
राष्ट्र संत टुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय महाराष्ट्र 1923
डॉ. बी.आर. आंबेडकर विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश 1927
साभार नभाटा