सुपरिचित कवयित्री ममता लड़ीवाल, ग़ाज़ियाबाद की तीन चर्चित रचनाएँ

1- गीत
जब भी कलम उठाती हूँ तो, स्याही बन चल जाते हो !
मेरे  गीतों में आ कर तुम, चुपके से ढल जाते हो !

बिम्ब सभी तुम से ही शोभित, हर प्रतीक की सज्जा तुम
हाथ पकड़ कर लिखते मुखड़ा, इन पलकों की लज्जा तुम !
शब्द शब्द में भाव तुम्हीं से, तुमसे ही श्रृंगार खिले
होते हो नाराज कभी तो, छंदों में अंगार लिखे !
झूठ मूठ में रूठ रूठ कर, क्यों मन को  छल जाते हो ?
मेरे गीतों में आ कर तुम, चुपके से ढल जाते हो !!

..विरह भाव पर कुछ ज्यादा ही, तुम पन्नों पर बिखरे हो 
बंदों में तुम सागर बन कर, इन नैनों से छलके हो !
कंठ विराजे सुर बन कर तुम, झंकृत वीणा तार तुम्हीं
वाणी की कोमलता हो तुम, गीतों का अम्बार तुम्हीं !
 प्रेम पगा पावन अबीर भी, सपनों में मल जाते हो !
मेरे गीतों में आ कर तुम चुपके से ढल जाते हो !!

 2-ग़ज़ल 
आसमाँ से है शिकायत आज तो,

ढ़ा गया मुझ पर कयामत आज तो !

पंख उगने से रहा क्या फायदा, 
हौंसलों ने की बगावत आज तो !

दोस्त अपनी ही खुशी में लीन थे,
दुश्मनों ने की इनायत आज तो !

सामने बैठा रहा इक अजनबी,

धड़कनों ने की शरारत आज तो !

मौसमी है रिश्ते नाते सब यहाँ,
वक्त ने दी ये हिदायत आज तो !

गलतियों से सीखना भी है हुनर,
काफिरों ने की शराफत आज तो !

3-सुनो . . .
मेरे दिल के ज़ख्मों के दरिया पर 

जो चाहत का पुल तुमने बनाया था न
जिससे गुजरते हुए मैं 
नए सपनों तक पहुँचती थी
वो अब किसी भी पल टूट सकता है..
लगा दो न आ कर अपनी बाँहों का सीमेंट 
उन गहरी दरारों पर 
जो ज़िन्दगी के झटकों से आ गईं हैं।
और हाँ . . .
तुम्हारी गैर मौज़ूदगी में कुछ सिरफिरे लोगों ने 
इसकी वैधता पर भी जाने
कितने ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
तुम आते वक़्त साथ में इस पुल के
सभी कागज़ात लेते आना
जिन पर मैंने सभी ज़ख्मों से मिले दर्द
और इस पुल से मिली राहत का हिसाब किताब
अपने आँसुओं से लिखा था।
तुमने सँभाल कर रक्खे हैं न ?
देखो . . .
बरसों हो गए इसकी मरम्मत को…
अब जब आओ
तो अपनी मुहब्बत के नट बोल्ट से इसे
फिर से कस देना, अच्छे से !
ताकि किसी भी भूकंप या आपदा से
इस पुल को कोई आघात न पहुंचे।

News Reporter

7 thoughts on “सुपरिचित कवयित्री ममता लड़ीवाल, ग़ाज़ियाबाद की तीन चर्चित रचनाएँ

  1. मेरी रचनाओं को एजुकेशन मिरर में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय चेतन आनंद जी ।

    1. हार्दिक बधाई ममता लड़ीवाल । एजुकेशन मिरर के श्री चेतन आनंद जी का हार्दिक आभार

    1. हार्दिक आभार आदरणीय मधुप जी 😊

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