सभी धर्म चाहते हैं वर्ण व्यवस्था समाप्त करना- डाॅ.गदिया
– विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर जमाया रंग
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित बैसाखी व डा. अम्बेडकर जयंती समारोह में छात्र-छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर रंग जमा दिया। भजन, गीत, सम्भाषण, नाटक व कविता पाठ कर उन्होंने डाॅ. बाबा साहेब अम्बेडकर के आदर्शों व सत्कार्यों को रेखांकित किया। इस मौके पर मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि सभी धर्म चाहते हैं कि समाज से वर्ण व्यवस्था व जातीय कुप्रथा समाप्त हो और समाज में अमन-चैन कायम हो। महापुरुषों ने सदा समाज को एकजुट करने के लिए नये पंथ चलाये और दलितोद्धार के प्रयास किये।
डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने बैसाखी व डाॅ. अम्बेडकर जयंती जैसे पावन अवसरों को एकसूत्र में पिरोते हुए कहा कि आज छुआछूत तो समाज में कम हुआ है लेकिन कटुता बढ़ी है। इस जातीय विद्वेष, कटुता व धर्म के नाम पर बांटने की कुव्यवस्था को जड़ से उखाड़ फेंकना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को इसके लिए संकल्प भी करवाया। समारोह में बतौर अध्यक्ष डाॅ. गदिया ने बैसाखी पर्व को जहां खुशियों, उत्साह, उमंग व जोश का प्रतीक बताया वहीं आज के दिन जलियांवाला बाग कांड की याद भी दिलाई। उन्होंने बताया कि आज के ही दिन जलियां वाला बाग कांड हुआ। जिसने देश के हजारों नौजवानों में आत्मचेतना व देशभक्ति का संचार किया। इसी से हमारा देश आजाद हुआ। उन्होंने डाॅ. अम्बेडकर के कार्यों व आदर्शों का उल्लेख किया। बताया कि कैसे सद्भावना, सम्भाव व दलितों के उद्धार के लिए बाबा साहेब ने देश के संविधान का निर्माण किया। दलितों के मसीहा बनकर उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया।
इससे पहले समारोह की शुरुआत मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. गदिया व निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर की। उन्होंने डाॅ.अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद बी.एड, एचएसएस, बीबीए, बीसीए, बायोटेक, एलएलबी आदि विभागों के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के तमाम विभागों का शिक्षण स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद रहे।