सीबीएसई के पेपर दोबारा होने से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ी

दिल्ली। सीबीएसई के दोबारा पेपर कराये जाने के फैसले से छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। उनकी परेशानी है कि पेपर लेट होने से उनके आईआईटी समेत कई प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कैसे होगी। दोबारा परीक्षा होने की स्थिति में अब उनको पहले बारहवीं की तैयारी करनी होगी, जिससे अन्य प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए काफी कम समय मिलेगा। कुछ छात्रों ने अपनी चिंता जताते हुए बोर्ड को भी इस संबंध में लिखा है। 8 अप्रैल को आईआईटी जेईई (ऑफलाइन) का भी टेस्ट होना है, इससे विज्ञान के छात्रों की परेशानी बढ़ जाएगी।
अभिभावकों का मानना है कि सीबीएसई के दोबारा पेपर कराने की तारीखों से पैदा होने वाले तनाव उनके बच्चों के प्रदर्शन को प्रभावित करेगा। उधर, अगर दसवीं के विद्यार्थियों का पेपर जुलाई में होता है तो ग्यारहवीं कक्षा का सत्र लेट हो जाएगा। ऑल इंडिया पैरेंट्स असोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल कहते हैं कि पूरे देश के बच्चे तनाव में हैं और हम अब पेपर लीक, री-टेस्ट, लिबरल मार्किंग की मांग, ग्यारहवीं के संभावित लेट सेशन को लेकर जल्द हाईकोर्ट जाएंगे। बारहवीं के छात्र भी इकनॉमिक्स के दोबारा टेस्ट के ऐलान से नाराज हैं। उनका कहना है कि वे सिर्फ बोर्ड के पेपर ही नहीं देते, बाकी एग्जाम की तैयारी भी करते हैं। कुछ छात्रों को आईपी यूनिवर्सिटी, जामिया समेत कुछ संस्थानों की प्रवेश परीक्षाएं भी देनी हैं मगर अब इकनॉमिक्स के चक्कर में वे उलझ गए हैं। डीयू में आवेदन करने वाले छात्रों को तैयारी के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल पाएगा। डीयू ने भी कहा था कि इस बार अप्रैल के पहले हफ्ते में ही दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मगर अब डीयू की यह योजना भी पीछे रह जाएगी, क्योंकि विद्यार्थी अप्रैल के आखिर तक पेपर दे रहे होंगे।

News Reporter

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