लखनऊ विवि में स्नातक स्तर के दाखिले शुरू

लखनऊ विवि में स्नातक स्तर के दाखिले शुरू

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लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए दाखिले शुरू हो गये हैं। अभ्यर्थियों को बिना लेट फीस 15 अप्रैल तक फॉर्म भरने का मौका दिया है। हालांकि, उसके बाद एक हजार रुपये लेट फीस लागू हो जाएगी और 20 अप्रैल तक…

सीबीएसई के पेपर दोबारा होने से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ी

सीबीएसई के पेपर दोबारा होने से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ी

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दिल्ली। सीबीएसई के दोबारा पेपर कराये जाने के फैसले से छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। उनकी परेशानी है कि पेपर लेट होने से उनके आईआईटी समेत कई प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कैसे होगी। दोबारा परीक्षा होने की स्थिति में अब उनको…

फर्जीवाड़े में शामिल आधा दर्जन लोगों पर दर्ज होगा मुकदमा

फर्जीवाड़े में शामिल आधा दर्जन लोगों पर दर्ज होगा मुकदमा

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कोर्ट ने दनकौर पुलिस को दिए हैं आदेश – स्कूल प्रबंधन ने नियुक्ति में किया था फर्जीवाड़ा ग्रेटर नोएडा. सूबेराम पुत्र खचेडू सिंह निवासी कनारसी की याचिका पर सीजेएम गौतमबुद्घ नगर द्बारा दनकौर पुलिस को किसान आदर्श इंटर कॉलेज दनकौर के कार्यवाहक प्रधानाचार्य खुशहाल सिंह, बाबू…

12वीं के इकोनॉमिक्स और दसवीं के गणित की परीक्षा होगी दोबारा

12वीं के इकोनॉमिक्स और दसवीं के गणित की परीक्षा होगी दोबारा

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 नोएडा : सीबीएसई की परीक्षा दे रहे छात्रों को जिसका डर था, आखिरकार वही हो गया। सीबीएसई ने इकोनॉमिक्स और दसवीं के गणित का पेपर रद्द कर दिया है। अब दोबारा इन दोनों विषयों की परीक्षा होगी। परीक्षार्थी पहले ही पेपर रद्द…

मेवाड़ में समारोहपूर्वक मनाई गई भगवान महावीर जयंती 

मेवाड़ में समारोहपूर्वक मनाई गई भगवान महावीर जयंती 

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शक्तिशाली के लिए आभूषण है अहिंसा-डाॅ.गदिया – विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर जमाया रंग गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित महावीर जयंती समारोह में छात्र-छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर रंग जमा दिया। भजन, गीत, सम्भाषण…

हिंसा छोड़कर अपनायें अहिंसा का मार्ग

हिंसा छोड़कर अपनायें अहिंसा का मार्ग

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वर्धमान महावीर ने ईसा से 599 वर्ष पूर्व भारत के तत्कालीन शक्तिशाली समृद्ध गणतंत्रों में अग्रणीय लिक्षिव गणतंत्र के गण प्रमुख सिद्धार्थ की पत्नी त्रिशला की कोख से चैत्र मास के उजेले पक्ष की त्रयोदशी को जन्म लिया। राजसी वैभव में पालन-पोषण…

‘एडवांसेस इन बिजनेस एण्ड इंजीनियरिंग फोर सस्टेनेबिलिटी- एबीईएस-2018’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

‘एडवांसेस इन बिजनेस एण्ड इंजीनियरिंग फोर सस्टेनेबिलिटी- एबीईएस-2018’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

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गाजियाबाद। एबीईएस इंजीनियरिंग काॅलेज में यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग (एमई), इलेक्ट्रीकल विभाग (ईएन) एवं व्यवसाय प्रंबधन विभाग (एमबीए) द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘अभियांत्रिकी एवं व्यापार क्षेत्र में स्थिरता’’ के विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। यह आयोजन डाॅ. एपीजे अब्दुल…

एआईसीटीई की मंजूरी के बिना हो रहे हैं इंजीनियरिंग में दाखिले

एआईसीटीई की मंजूरी के बिना हो रहे हैं इंजीनियरिंग में दाखिले

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हाईकोर्ट ने लगाई रोक, डीम्ड यूनिवर्सिटीज का नये निर्देश जारी नई दिल्ली। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) से अप्रूवल लिए बगैर डीम्ड यूनिवर्सिटीज इंजीनियरिंग कॉलेज में विद्यार्थियों का दाखिला नहीं कर सकेंगी। एएआईसीटीई ने पहले से यह निर्देश जारी किये…

 बच्चों में बढ़ रही टाइप-वन डायबिटीज की समस्या

 बच्चों में बढ़ रही टाइप-वन डायबिटीज की समस्या

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आधुनिक चिकित्सा पद्वति से मिल सकती है निजात – 97 हजार बच्चे हैं टाइप-वन डायबिटीज के शिकार         नोएडाः डायबिटीज की समस्या बड़ों के अलावा बच्चों में तेजी से बढ़ रही है। देश के दूसरे हिस्सों के अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी तेजी से बच्चे टाइप-वन डायबिटीज की गिरफ्त में आ रहे हैं। जहां देश में 97 हजार बच्चे टाइप-वन डायबिटीज के शिकार हैं, वहीं, दिल्ली-एनसीआर में प्रति एक लाख बच्चों में 32 बच्चे टाइप-वन डायबिटीज की चपेट में हैं। चिकित्सकों के मुताबिक अगर जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए तोइस समस्या से निजात पाई जा सकती है। ग्लूको मीटर और इंसुलिन पंप जैसे आधुनिक चिकित्सा के जरिए भी इस रोग पर नियंत्रण पाकर बेहतर जीवन जिया जा सकता है। फोर्टिस एवं अपोलो अस्पताल के बाल रोग एवंएडोलसेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. आईपीएस कोचर ने बताया कि इसबीमारी के कारण अग्नाश्य के प्रतिरक्षक प्रणाली में पैदा होने वाला इंसुलिन उत्पादन कोशिकाओं को खत्म करदेता है, जिसके कारण बच्चों को इंसुलिन इंजेक्शन पर निर्भर रहना पड़ता है।उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रति एकलाख बच्चे में 32 बच्चे टाइप-वन डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो चिंताजनक बात है। यह रोग बच्चों में अत्यधिकप्रचलित है, जिसके कारण इसे किशोर मधुमेह कहा जाता है। इस बीमारी का अभी तक कोई वास्तविक कारण का पता नहीं है, लेकिन आमतौर पर माना जाता है कि जब एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा शरीर के विपरीत काम करती है, तो अग्नाश्य में पैदा होने इंसुलिन को यह खत्म करना शुरू कर देती हैं। इन स्थितियों में बच्चे और उनके अभिभावक को चाहिए कि वह खेल गतिविधियों में नियमित हिस्सा लें। ऐसेबीमारी से पीड़ित बच्चों को समाज में बोझ समझा जाता है और मान लिया जाता है कि ऐसे बच्चे दूसरों की तरह सामान्य जीवन कभी नहीं जी सकेंगे। बीमारी के प्रति इस तरह के भ्रम और अज्ञानता के कारण सही इलाज में बाधा उत्पन्न होती है।   सक्रिय जीवन पर असरः  टाइप-वन डायबिटीज का मतलब है कि सक्रिय जीवन को हमेशा के लिए अलविदा कह देना। पहले विभिन्न इंजेक्शन के डोज के कारण लोगों की दिनचर्या सीमित हो जाती थी, लेकिन आधुनिक चिकित्सा थैरेपी में इंसुलिनपंप वाले ग्लूकोमीटर के  जरिए टाइप-वन डायबिटीज से पीड़ित बच्चे व व्यस्क भी सक्रिय जीवन पा सकते हैं।निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस, इन डिवाइसों में ग्लूकोज के स्तर और अलार्म की वजह से जब भीइंसुलिन की आवश्यकता  होती है, उस अस्थिरता को ट्रैक करने में मदद करते हैं।