शोध कार्यो को बढ़ावा देने में जुटी केंद्र सरकार ने देश के सात और आइआइटी में जल्द ही शोध पार्क खोलने की घोषणा की है। दुनिया में अपनी तरह के चौथे और देश के पहले शोध पार्क को देखने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आइआइटी मद्रास जैसे शोध पार्क जल्द ही दिल्ली, कानपुर, बाम्बे, गांधीनगर, हैदराबाद, गुवाहाटी और खड़गपुर आइआइटी में भी देखने को मिलेंगे। मौजूदा समय में आइआइटी मद्रास जैसा शोध पार्क सिर्फ हार्वर्ड, एमआइटी (कैम्ब्रिज) और स्टैनफोर्ट विश्वविद्यालयों में है। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर गुरुवार को चेन्नई के आइआइटी अनूठे शोध पार्क देखने के बाद बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अनुसंधान के क्षेत्र में काफी कमी है। हम बहुत सारी चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं। इस क्षेत्र में हमारी आयात निर्भरता बढ़ती जा रही है। इसी के मद्देनजर हमे शोध कार्यों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आइआइटी मद्रास ने इंडस्ट्री के साथ मिलकर जिस तरीके से देश की जरूरतों के मुताबिक काम शुरू किया है, यह अपने आप में अनूठी पहल है। इस तरह के शोध पार्को को बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि वह जल्द ही शोध पार्क के लिए बनाए गई योजना की जल्द ही समीक्षा करेंगे। इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया जाएगा। आइआइटी मद्रास ने चेन्नई में एक ऐसा शोध पार्क बनाया है, जहां वह इंडस्ट्री को समाज की जरूरतों के लिहाज से नई चीजों को बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। मौजूदा समय में इस पार्क में देश की 70 से ज्यादा कंपनियां काम कर रही हैं। यहां सारा काम आइआइटी की देखरेख में होता है। इसमें यहां के प्रोफेसर और छात्र सभी मिलकर काम कर रहे हैं।