150 देशों में सीमा नहीं पानी का विवाद है-पोपट राव
मेवाड़ में ‘पर्सन्स मेकिंग ए डिफरेंस’ विषय पर सेमिनार आयोजित
– देश में प्रेरणा लेकर काम करने वालों की कमी- पोपट
गाजियाबाद। भारत में अमेजिंग पर्सन के नाम से सुप्रसिद्ध महाराष्ट्र के पोपट राव पवार ने दावा किया कि दुनिया के 150 देशों में भारी जलसंकट है। हैरान करने वाली बात यह कि इन देशों के बीच सीमा का विवाद नहीं है, विवाद केवल पानी की वजह से है। इसलिए विवाद खत्म करने के लिए पानी को बचाना बहुत जरूरी है।
विश्व युवक केन्द्र नई दिल्ली व मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित सेमिनार में यह विचार पोपट राव ने व्यक्त किये। सेमिनार का विषय ‘पर्सन्स मेकिंग ए डिफरेंस’ था। पोपट राव ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारे देश में प्रेरणा की नहीं प्रेरणा लेकर काम करने वालों की जरूरत है। आज लोग खुशहाली तलाश करें। वेतन के पैकेज से ज्यादा खुशी के पैकेज की आवश्यकता है। वरना वर्ष 2050 तक खुशहाली ढूंढे से नहीं मिलेगी। विश्व युवक केन्द्र के चीफ कंट्रोलर उदय शंकर सिंह ने कहा कि असाधारण बनने के लिए असाधारण कार्य करने की आवश्यकता नहीं है। छोटे-छोटे साधारण कार्य करते जाओ, आप अपने आप असाधारण बन जाओगे। प्रोग्राम एसोसिएट रजत थाॅमस ने कहा कि नौजवान अपने गांवों को अच्छा बनाएं। साफ-सफाई में सहयोग करें। नौजवानों को आज सही दिशा और मार्ग मिलना जरूरी है। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि नौजवान काॅलेज की छुट्टियों में पहाड़ों पर जाने की जगह गांवों की ओर जाएं। श्रमदान करें। गांवों से ही उन्हें जीवन जीने का व्यवहारिक ज्ञान मिलेगा। शहरों में तो सैद्धान्तिक ज्ञान ही मिलता है, जो छल-कपट और स्मार्टनेस सिखाता है। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने सभी अतिथियों का तुलसी के पौधे व स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि असाधारण बनने के लिए छोटे-छोटे सतत प्रयास करें। स्वच्छता अभियान में सहयोग करें। देश व समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। तभी हमारा देश विकास के प्रगति पथ पर अग्रसर होगा। विश्व युवक केन्द्र के कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार राय ने भी विद्यार्थियों को सम्बोधित कर उनमें नई जागरूकता का संचार किया। संचालन अमित पाराशर ने किया। 
News Reporter

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