गाजियाबाद। एबीईएस इंजीनियरिंग काॅलेज के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सिविल विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. डी.के. शर्मा ने प्राकृतिक चुनौतियों का ध्यान करवाया। कार्बन काॅन्टिनेंटल आॅफ इंडिया लिमिटेड, गाजियाबाद के हेड आॅपरेशन ए.पी. अब्राहम ने चर्चा का विषय कार्बन ब्लैक पाउडर का उपयोग सड़क बनाने में किया और स्पष्ट किया कि कार्बन ब्लैक पाउडर बिटुमिन में मिलाने से सड़क लंबे समय के लिए संरक्षित रह सकती है और वातावरण में कार्बन पाउडर होने से होने वाली हानि से भी बचा जा सकता है।
वेब वन के टेक्निकल हेड एनडी सपोलिया ने स्मार्ट सिटी से वातावरण संरक्षण पर गुणात्मक विवरण दिया। फिर प्रश्नोत्तर का सेशन चला। इसी क्रम में सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिटयूट के चीफ साइंटिस्ट डाॅ. अनुराधा शुक्ला ने प्रकृति को मध्य में रखते हुए स्मार्ट सिटी में रोड का निर्माण कैसे किया जाये, इस पर अनुसंधानित विषयवस्तु से प्रकाश डाला। चर्चा के इसी क्रम में रैशनल डी डिजाइन के फाउंडर तथा प्रिसिंपल कंसलटेंट अनुपम जैन ने सस्टेनेबल डिजाइन की क्रियाशील प्रणाली का उल्लेख किया। एक्स एम्प्लाई सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीटयूट के कंसलटेंट साइंटिस्ट सत्येंद्र कुमार ने स्मार्ट रोड निर्माण के पीछे का उद्देश्य बताया। नेशनल काॅउन्सिल फाॅर सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटीरियल के पूर्व संयुक्त निदेशक तथा ब्यूरो आॅफ इंडियन स्टेण्डर्ड के सदस्य डाॅ. एस.सी. मोती ने अपनी चर्चा का विषय स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट कंक्रीट रखा और निष्कर्ष दिया कि मानव सभ्यता का भविष्य स्मार्ट सिटी ही है, और दा एनर्जी रिसोर्स इंस्टीटयूट की एसोसिएट निदेशक माननीय अक्षिमा घाटे ने भारत में सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट में होने वाली समस्या और साथ में निदान पर प्रकाश डाला।