कुर्बानी दिये बिना देश को आजादी मिलना असंभव-डॉ. गदिया
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस होते तो देश को वर्ष 1947 का विभाजन और उस दौरान हुई हिंसा न झेलनी पड़ती। कुर्बानियां देकर ही नेताजी ने देश को आजादी दिलाई। आज भी अगर हम सुरक्षित और आजाद हैं तो देश के लिए दी जा रही कुर्बानियों के कारण। विवेकानंद सभागार में आयोजित नेताजी सुभाष की 125वीं जयंती समारोह में बतौर अध्यक्ष उन्होंने अपने ये विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष कभी मर नहीं सकते, वह अमर हैं, अमर रहेंगे। नौजवानों में एकता का जज्बा नेताजी के देशहित में किये गये कार्यों से ही भरा जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश के नेता सिर्फ एक ही रहेंगे और वह हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस। उन्होंने दावा किया कि अगर नेताजी होते तो हमें पूरा अखंड भारत मिलता। बर्मा, भूटान और पाकिस्तान नहीं बनता। अगर नेताजी का रंगून रेडियो पर दिया गया भाषण सुन लिया जाए तो पता चलता है कि नेताजी अखंड भारत पाने के लिए कितना संघर्षरत थे। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे साल में एक देशभक्त जरूर तैयार करें। देशभक्ति व संवेदनशीलता के भाव उसमें भरें। फिर देखना देश का माहौल किस प्रकार बदलता है। उन्होंने कहा कि तेज रोशनी आने से पहले घना अंधेरा होता है। ठीक ऐसे ही आज देश घने अंधेरे में है। लेकिन फिर कोई सुभाष आएगा और देश पर छाया अंधेरा दूर करेगा।
मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस लोगों को संगठित करने में माहिर थे। उनमें नेतृत्व क्षमता गजब की थी। वह असली नेता थे। वह अपने परिवार और समाज से ज्यादा अपने देश को सर्वोच्च प्राथमिकता देते थे। आज उनकी जयंती मनाने की सार्थकता तभी है जब हम उनके आदर्शों को अपने जीवन का हिस्सा बना लें। समारोह में अभिषेक यादव, गीता, ममता, पूर्णिमा कोरी, आसिफ, रिचा, अंकित कुमार आदि विद्यार्थियों ने नेताजी के जीवन पर आधारित गीत, कविता, संभाषण और देशभक्ति गीत गाकर अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी। कुशल संचालन इशिका ने किया। इस अवसर पर मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ. संजय सिंह समेत मेवाड़ परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। पूरा समारोह कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक आयोजित किया गया।