गीत
रूठने का हमसे ना इरादा करो 
हर जन्म मिलोगी ये वादा करो 
प्रीति की नदी में जब भी डूबे थे हम 
खुशियां मिली थी बहुत मिले थे ग़म 
बिछड़े हुए थे जब एक दूजे से हम
अश्रुधार बहने लगी आँख हुई नम
दर्द मेरा औऱ न ज्यादा करो 
हर जन्म मिलोगी ये वादा करो 
शब्द सारे रूठ गये मुस्कान भी नहीं 
तुम बिन जीना भी तो असान भी नहीं 
ख्वाहिशें दबी हुई है सारी दिल में 
तुम बिन पूरा ये जहान भी नहीं 
प्रिये मुझको कृष्ण खुद को राधा करो 
हर जन्म मिलोगी मुझे ये वादा करो 
प्रेम की बहती इस  रसधार में 
बन के गीत तुम बहो इस बयार में 
बस गई हो तुम मेरी हर पुकार में 
बज उठो वीणा के इस सितार में
प्यार की पवित्र ये मर्यादा करो 
हर जन्म मिलोगी ये वादा करो 
तन्हा हूँ तुम मुझे थाम लो प्रिये
आँखों का ये हँसी जाम दो प्रिये
ये जन्म तुम्हारे बिन बीत गया
हर जन्म अपना मुझे नाम दो प्रिये
काग़ज़ न दिल का मेरे सादा करो
हर जन्म मिलोगी ये वादा करो
-सौरभ जैन(उज्ज्वल)
News Reporter

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