स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति ने दिया सुझाव

स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति ने दिया सुझाव
एमबीबीएस करने के बाद एग्जिट टेस्ट न लिया जाये
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति का मत है कि एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों का अलग से एग्जिट टेस्ट लेने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। इससे देश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठेंगे।
समिति का सुझाव है कि अलग से टेस्ट लेने की जगह अंतिम साल की परीक्षाएं राज्य स्तर पर हों। इन्हें ही किसी भी डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन का आधार माना जाए। ठीक वैसे ही, जैसे लॉ विद्यार्थियों के आखिरी साल के एग्जाम को कानूनी प्रैक्टिस की मंजूरी का आधार माना जाता है। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में अपने पुराने रुख में बदलाव किया है। पहले उसने सुझाव दिया था कि मेडिकल स्टूडेंट्स का एग्जिट टेस्ट होना चाहिए। नैशनल मेडिकल कमिशन बिल पर अपनी रिपोर्ट में समिति ने अपने सुझाव में तब्दीली को जाहिर किया है। इस बिल का डॉक्टर विरोध कर रहे हैं। अपनी रिपोर्ट में समिति ने मेडिकल आयोग में सदस्यों की संख्या को 25 से बढ़ाकर 29 करने का भी सुझाव दिया है और सर्च कमिटी का प्रमुख कैबिनेट सेक्रेटरी को बनाने की सिफारिश की है। उसका कहना है कि कमिशन के सदस्यों को अपनी संपत्ति के साथ ही अपनी कमर्शल और प्रफेशनल प्रतिबद्धताओं का भी खुलासा करना चाहिए।

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