मेवाड़ में शिक्षक व स्थापना दिवस समारोह आयोजित
– शिक्षा को सेवा की तरह लें शिक्षक-सिंघल
– अच्छे शिक्षक बनने के लिए विद्यार्थियों को अपने साथ जोड़ो-डाॅ. गदिया
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित स्थापना व शिक्षक दिवस समारोह में विभिन्न स्कूलों के 6 महिला प्रधानाचार्यों समेत 18 शिक्षकों को बेस्ट टीचर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। समारोह में मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि अच्छा शिक्षक बनने के लिए विद्यार्थियों को अपने साथ जोड़ो। उनमें पढ़ाई की ललक पैदा करने के लिए स्वयं ऊर्जावान बनो। दिल व दिमाग में संतुलन बनाओ और पूरी तरह से पढाने के काम को ईमानदारी से करो। डाॅ. गदिया ने कहा कि हमारे होने का अर्थ हम सबमें है। भगवान ने हमें यह एक अनोखा गुण दिया है। जरूरत है इसे देखने व परखने की। जिसने देख-परख लिया और जीवन में उतार लिया तो देखना भविष्य में आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलेंगे। हमें समाज के उस वंचित समाज के तबके को शिक्षित कर देश की मुख्यधारा से जोड़ना है, जिसके लिए कोई गंभीर रूप से चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमारे मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में 75 प्रतिशत बच्चा उसी वंचित समाज का शिक्षा ग्रहण कर रहा है। मेवाड़ के महासचिव अशोक कुमार सिंघल ने कहा कि डाॅक्टर जीवन बचाता है तो शिक्षक जीवन बनाता है। इसलिए समाज में दोनों का समान महत्व है। उन्होंने कहा कि हम शिक्षक दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाएं। शिक्षा व चिकित्सा सेवाकार्य है। इसे समाज व देशहित में सेवा की तरह ही शिक्षक अपनायें। इस प्रकार हम अपने भीतर अनुशासन के साथ-साथ विकास की संभावनाओं को भी जन्म दे सकते हैं। इससे पूर्व गाजियाबाद व हिन्डनपार क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के 6 पिं्सिपल को मेवाड़ की ओर से सम्मानित किया गया। मेवाड़ के 12 शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी बेस्ट टीचर्स अवार्ड से नवाजा गया। उन्हें शाॅल, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने इंस्टीट्यूशंस की प्रगति रिपोर्ट पढ़ी। मेवाड़ के विद्यार्थियों ने इस मौके पर रंगारंग कार्यक्रम गीत, भजन, भाषण, कविता, गुरु वंदना आदि प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। संचालन हरमीत कौर ने किया।
ये शिक्षक हुए सम्मानित
सुधा रानी कटियार, श्री तिवारी, मधुलिका सिंह, डाॅ. तारा गुप्ता, डेज़ी यादव व मीनू गोगिया, अम्बुज शर्मा, डाॅ. नम्रता मलिक, शिव शंकर मौर्य, सिंथिया सूद, आकांक्षा गुप्ता, चंदना झा, वीनस रावत, रविन्द्र कुमार, डाॅ. सोमना मिश्रा, निहारिका सिंह, डाॅ. राजेश सिंह व डाॅ. शालिनी सक्सेना।
आदर्श अध्यापक के गुण जो उसे गुरु का स्थान दिला दे-
1 अध्यापक अपनी विषय-वस्तु में पारंगत हो। जो उसे पढ़ाना है उसके बारे में उसे कोई संशय न हो और वह उसे पूर्ण आत्मविश्वास से पढ़ा सके।
2 अध्यापक का अध्ययन साफ, सरल एवं आकर्षक हो।
3 अध्यापक न सिर्फ पढ़ाये बल्कि इस बात की भी चिंता करे कि जो वह पढ़ा रहा है वह कमज़ोर से कमज़ोर और होशियार से होशियार बच्चे को समझ आ रहा हो।
4 अध्ययन एवं अध्यापन रुचिपूर्ण हो उबाऊ बिल्कुल न हो।
5 अध्ययन एवं अध्यापन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हो। रोज़मर्रा की घटनाओं एवं परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए उनके उदाहरण देते हुए हो।
6 अध्ययन एवं अध्यापन द्विपक्षीय प्रक्रिया है, इस बात का पूरा ध्यान रखें।
7 अध्यापन का माध्यम आधुनिक हो तथा हमेशा अपने विद्यार्थियों के स्तर को ध्यान में रखकर हो।
8 अध्यापन की भाषा साफ, सरल एवं रोचक हो।
9 अध्यापक में अच्छी श्रवणशक्ति हो। वह अपने बच्चों की बात को ध्यान से सुन सके।
10 अध्यापक अच्छा काउन्सलर हो।
11 अध्यापक अपने नियमों के प्रति सुदृढ़ हो और पक्षपाती न हो।
12 अध्यापक की स्टेप बाई स्टेप पहुंच हो।
13 अध्यापक समर्पण भाव से पढ़ाये, दिल से पढ़ाये, दिमाग से कतई न पढ़ाये।
14 अध्यापक अपने बच्चों के प्रति स्वाभिमानी हो।
15 अध्यापक एक रोल माॅडल हो।
16 उसका अपनी कक्षा पर पूर्ण नियंत्रण हो एवं वह सबसे अपना सम्पर्क आसानी से बनाले।
17 अध्यापक ऊपर से सख्त एवं अन्दर से नर्म हो। उसका उद्देश्य हो केवल एक अच्छा व्यक्तित्व तैयार करना।
18 अध्यापक हमेशा सकारात्मक विचारधारा का हो।
Very nice program 🙏