6 साल के बच्चे लक्ष्य की यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी के डॉक्टर ने बचाई जान
गाजियाबाद के सिरोरा गांव के रहने वाले 6 वर्षीय बच्चे मास्टर लक्ष्य को 12 अगस्त को उसके घर पर कोबरा सांप ने काट लिया, लक्ष्य के परिवार वालों ने बताया कि उन्होंने काले नाग (कोबरा सांप) को लक्ष्य के कमरे से जाते हुए देखा, और कुछ ही देर बाद लक्ष्य को जोर से पेट में दर्द हुआ और उसके बाद बेहोश हो गया। लक्ष्य के परिवार वालों ने उसे आनन-फानन में आस पास के अस्पतालों में दिखाने के लिए गए किन्तु दो अस्पतालों ने बड़े हॉस्पिटल में रेफर कर दिया, अंततः वे लक्ष्य को कौशांबी स्थित यशोदा हॉस्पिटल में ले कर आये और इमरजेंसी में दाखिल कराया। एक प्रेस वार्ता में यशोदा हॉस्पिटल की निदेशिका श्रीमती उपासना अरोड़ा ने बताया कि यशोदा हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम द्वारा परीक्षण पर यह पाया गया कि बच्चा रेस्पिरेट्री फैलियर में है और उसे तुरंत इनट्यूबेट किया गया और अस्पताल में स्थित पीडियाट्रिक आईसीयू में वेंटिलेटर पर रख जीवनदायिनी आपातकालीन दवाइयों एवं प्रक्रियाओं द्वारा उसके जीवन को बचाने की जद्दोजहद चालू हुई। यशोदा हॉस्पिटल की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ विद्या घोष, डॉ तरुण, डॉ अनिल, डॉ दीप्ति, डॉ जितेंद्र, डॉ अंकित एवं अन्य नर्सों, पैरामेडिक्स की टीम ने पूरी जी जान लगाकर बच्चे को बचाने की कोशिश की। अस्पताल में भर्ती के होने के दूसरे दिन बच्चे की हालत और गिर गई और दोबारा एंटी स्नेक वेनम देना पड़ा। अब लगभग 7 से 8 दिन बीत जाने के बाद बच्चा दोबारा स्वास्थ्य लाभ लेते हुए सामान्य हो रहा है अस्पताल में भर्ती होने के चौथे दिन लक्ष्य का वेंटीलेटर भी हटा लिया गया था डॉक्टर विद्या घोष ने बताया कि कोबरा सांप का दंश बहुत ही घातक होता है तथा सही समय पर अगर इलाज न मिले तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डॉक्टर घोष ने कहा कि लक्ष्य की जान बचना एक कुदरत का करिश्मा ही है नहीं तो जिस अवस्था में वह अस्पताल में लाया गया था सभी ने उम्मीद छोड़ दी थी। यशोदा हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर पीएन अरोड़ा ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम पीडियाट्रिक आईसीयू की नर्स एवं पैरामेडिक का हृदय से आभार व्यक्त किया तथा उनके द्वारा लक्ष्य की जान बचाने के लिए टीम को पुरस्कृत भी किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ सुनील डागर, गौरव पांडेय एवं लक्ष्य के परिजन भी मौजूद थे। हाल ही में मीडिया में चल रही न्यूज़ के माध्यम से हम लोगों ने देखा था कि आगरा के एक गांव में किस तरह से 12 वर्षीय बालिका को झाड़-फूंक एवं तांत्रिक विद्या के दुरुपयोग एवं अंधविश्वास के चलते उस बच्ची की मौत हो गई ऐसे में यह खबर समाज के सभी लोगों के लिए बहुत ही अहम हो जाती है की कोबरा सांप के काटने के बावजूद उचित चिकित्सा एवं प्राणरक्षक दवाइयों के माध्यम से जान बचाई जा सकती है। प्रायः ये देखा गया है कि घर में खाना खुला छोड़ देने से या किचन में खाना गिरे होने से चूहे आते हैं, और उन चूहों को पकड़ने के लिए साप उनके पीछे आ जाते है और गलती से घर में घुस जाते हैं, ऐसे में सावधानी ये बरतनी चाहिए कि घर में खाना खुला न छोड़ें, बचा व खाना ढककर किसी बंद अलमारी में अथवा फ्रिज में रखें, एवं खाना बनाने के बाद किचन की सफाई अवश्य करें। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे इलाकों में जहां साप प्रायः निकल ते हैं वहां हो सके तो मच्छरदानी का प्रयोग करें.