गाजियाबाद। राज्यसभा ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक विधेयक पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पीएन अरोड़ा ने कहा कि पूरे देश के लिए मंगलवार एक ऐतिहासिक दिन रहा। जब करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई। उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक से प्रभावित होने वाली करीब 75 प्रतिशत महिलाएं गरीब वर्ग की होती हैं। ऐसे में यह विधेयक उनको ध्यान में रखकर बनाया गया है। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि तीन तलाक महिलाओं को संविधान में मिले बराबरी और गरिमा से जीवन जीने के हक का हनन था। यह मजहब का अभिन्न हिस्सा नहीं है इसलिए इसे मजहबी आजादी के मौलिक अधिकार में संरक्षण नहीं दिया जा सकता था।