मेवाड़ में स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाई गई महाराणा प्रताप की 479वीं जयंती
देश को चाहिएं महाराणा प्रताप जैसे नौजवान-डाॅ.गदिया
महापुरुषों की कहानियां सुनाकर बच्चों को बनाएं साहसी व निर्भीक’
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती के समारोह में इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी अडिग होकर खड़े रहने का हुनर महाराणा प्रताप के पास था। उनकी मां उनकी पहली शिक्षिका थीं, जिन्होंने महाराणा प्रताप को साहसी, बहादुर और निर्भीक बनाया। इसलिए आप भी बच्चों को कायर न बनाएं। उन्हें महापुरुषों की कहानियां सुनाएं। हमें अपने देश के लिए अच्छे नौजवान तैयार करने हैं। हिन्दी कैलेन्डर के हिसाब से महाराणा प्रताप जयंती 6 जून को होती है। इसी कारण इनकी जयंती मेवाड़ में 6 जून को धूमधाम से मनाई गई। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित महाराणा प्रताप के 479वें जयंती समारोह में मेवाड़ के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कलियुग में कोई भगवान अवतार नहीं लेने वाला, इन्हीं युवाओं में से ही कोई रणबांकुरा महाराणा प्रताप बनकर निकलेगा और देश की अस्मिता व अक्षुण्णता की शपथ लेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक देखें कि अब तक उन्होंने कितने नौजवानों को देश की रक्षार्थ तैयार किया। उन्होंने कहा कि आज नौजवानों को केवल सही दिशा देने की जरूरत है। डाॅ. गदिया ने महाराणा प्रताप के जीवन की कहानी इस मार्मिक अंदाज में सुनाई कि श्रोताओं के जेहन से हृदय तक शब्दचित्र उतरते चले गए। हल्दीघाटी का वर्णन अद्भुत था। उन्होंने महाराणा प्रताप को साहसी, एकता की मिसाल कायम करने वाला, अपने सिपहसालारों को रिश्तेदारों से भी अधिक चाहने वाला, शौर्यवान, धैर्यशील, फुर्तीला और विपरीत परिस्थितियों में भी दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाला बताया। उन्होंने बताया कि देश के लिए घास की रोटियां खा आदिवासियों के बीच रहकर अपने वतन के लिए संघर्ष करने वाला कोई विरला ही अब पैदा होगा। इससे पूर्व डाॅ. गदिया व मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका अलका अग्रवाल आदि ने महाराणा प्रताप व मां सरस्वती की प्रतिमाओं के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के बाद पुष्प अर्पित कर अपनी भावांजलि दी। समारोह सरस्वती वंदना से शुरू हुआ। इसके बाद एकल गीत, सम्भाषण व कविताओं के जरिये विद्यार्थियों ने महाराणा प्रताप की शौर्यगाथा सुनाई। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों में शारदा एंड ग्रुप, निधि सिंह, श्वेतजा केन, अजय, काजल पांडेय, ललित कुमार, पूजा सहाय, अंजलि झा, आफरीन, मोनिका, दिव्या आदि थे। समारोह का सफल संचालन डीएलएड की छात्रा निधि सिंह ने किया। इस मौके पर विभिन्न विभागों के प्रमुख, फैकल्टी स्टाफ, छात्र-छात्राएं आदि मौजूद थे।