एमिटी विश्वविद्यालय में बताये गये योग से निरोग रहने के उपाय 

नोएडा। यूजीसी के दिशा निर्देश पर एमिटी इंस्टीटयूट आफ इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन द्वारा आयुष मंत्रालय के मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीटयूट आफ योग के सहयोग से अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी हेतु एवं छात्रों को योग के प्रति जागरूक करने के लिए ‘‘काॅमन योगा प्रोटोकाॅल प्री सेशन कार्यक्रम’’ का आयोजन एच ब्लाक, एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय के हेल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डा. बीसी दास एवं एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन के निदेशक डा एसके राजपूत ने किया। इस योग कार्यक्रम में सैकड़ों की तादात में छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, अकादमिकों व साधकों ने हिस्सा लिया। एमिटी विश्वविद्यालय के हेल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डा बीसी दास ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि जीवन में निरोग रहने के लिए योग के विज्ञान को समझना आवश्यक है। निरंतर योगाभ्यास आपकों न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगा। डा दास ने कहा कि हमारे पारंपरिक ज्ञान के महत्व को आज समूचा विश्व समझकर अपना रहा है। एमिटी विश्वविद्यालय में हम छात्रों को योग के महत्व को बताकर उन्हें नियमित योग करने के लिए प्रोत्साहित करते है। वर्तमान समय में हम खराब जीवनशैली के कारण विभिन्न रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं और ऐसे में योग से शरीर को रोगमुक्त रखा जा सकता है। एमिटी इंस्टीटयूट आफ इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन के निदेशक डा एसके राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि यूजीसी के दिशा निर्देश पर आयुष मंत्रालय के मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीटयूट आफ योग के सहयोग से अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी हेतु काॅमन योगा प्रोटोकाॅल प्री सेशन कार्यक्रम का आयोजन एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। जिसमें छात्रों, अकादमिकों, साधकों आदि ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्रख्यात योग प्रशिक्षक अनिल आर्य ने 45 मिनट के योग सत्र में विभिन्न आसन ताड़ासन, वक्रासन, अर्धच्रकासन, त्रिकोनासन, भद्रासन, समासथिती, कटिशक्ती विकाशक व व्यायाम के बारे में बताया और उनका अभ्यास भी करवाया। इस दौरान एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन के निदेशक डा एसके राजपूत एवं उनकी टीम द्वारा शारीरिक मुद्रा में आ रही गड़बड़ी को जानने के लिए तैयार किये जा रहे मोबाइल एप्प की पाइलेट स्टडी भी की गई। इस अवसर पर ग्रुप एडिशल प्रो वाइस चांसलर (शोध एवं नवोन्मेष) व एमिटी इंस्टीटयूट आफ एनवायरमेंटल साइंस की निदेशिक डा तनु जिंदल ने कहा कि योग ने कई रोगों के इलाज में अहम भूमिका निभाई है और मधुमेह को भी नियंत्रित किया है इसलिए नियमित योग करें और अन्य व्यक्तियों को योग करने हेतु प्रोत्साहित करें। कार्यक्रम मेें एमिटी विश्वविद्यालय की डा रीता कुमार व अन्य वरिष्ठ शिक्षक भी उपस्थित थे।  

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