बेहतरीन प्रदर्शन करने पर एमिटी लाॅ स्कूल दिल्ली की टीम ने बाजी मारी
गलगोटिया यूनिवर्सिटी दूसरे व एमिटी नोएडा टीम तीसरे नंबर पर रही
देश के 13 शिक्षण संस्थानों की 15 टीमों ने प्रतिभाग लिया
गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के आडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय प्रथम नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में नोटबंदी पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली एमिटी लाॅ स्कूल दिल्ली की टीम ने बाजी मार ली। जबकि गलगोटिया यूनिवर्सिटी आफ लाॅ नोएडा की टीम दूसरे व एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा की टीम तीसरे नंबर पर रही। सभी टीमों को नकद पुरस्कार, ट्राॅफी व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में मेवाड़ यूनिवर्सिटी व मेवाड़ लाॅ इंस्टीट्यूट की चार टीमों सहित कुल 15 टीमों ने हिस्सा लिया। ये टीमें इन शिक्षण संस्थानों से थीं-डाॅ. हरिसिंह गौड़ सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी सागर, गलगोटिया यूनिवर्सिटी स्कूल आफ लाॅ नोएडा, एपी गोयल लाॅ काॅलेज शिमला, एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब, शम्भुनाथ यूनिवर्सिटी प्रयागराज, डीएमई नोएडा, एमिटी लाॅ स्कूल दिल्ली, इंडियन लाॅ सोसायटी पुणे, यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज देहरादून व मोदी यूनिवर्सिटी राजस्थान। कंज्यूमर फोरम के जज डाॅ.पीएन तिवारी, रिटायर्ड जिला जज एसके बनर्जी, बार कौंसिल आफ दिल्ली के उपाध्यक्ष डीके सिंह, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आरसी अग्रवाल, मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया एवं निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल बतौर मुख्य व विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। जबकि तीन मूट कोर्ट में दो जजों की बेंच में जज के रूप में अंसार अहमद, अमनदीप सिंह, अभिजाॅय बनर्जी, अंजाने मिश्रा व रविन्द्र सिंह उपस्थित रहे। सभी अतिथियों को उपहार, स्मृति चिह्न व गुलदस्ते भेंटकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने लाॅ के विद्यार्थियों को तर्कसम्मत तथ्य पूरे आत्मविश्वास के साथ कोर्ट में रखने की प्रेरणा दी। साथ ही कहा कि वकालत के पेशे को समाजसेवा के तौर पर ग्रहण करना, न कि बिजनेस के तौर पर। यह एक ऐसा पवित्र पेशा है जिसके जरिये पीड़ित को न्याय दिलाना बहुत बड़ी समाजसेवा है। अतिथियों ने विद्यार्थियों की एक अलग से कक्षा भी ली, जिसमें बेहतर मूटर्स कैसा बना जाता है, इसके टिप्स दिये। बताया कि केस स्टडी करके कैसे इसको प्रस्तुत किया जाना चाहिए।