मेवाड़ में राम मंदिर मुद्दे पर विचार संगोष्ठी आयोजित
वोटों की राजनीति के लिए श्रीराम मंदिर
निर्माण को मुद्दा न बनाया जाये-नीरज
गाजियाबाद। वरिष्ठ पत्रकार नीरज कुमार सिंह ने कहा कि राम मंदिर मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है। इसे विवादित न बनाया जाए। केन्द्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाये और इसके तहत श्रीराम मंदिर निर्माण करवा दे। इसे वोटों की राजनीति के तहत लटकाना गलत है। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित मासिक विचार संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता उन्होंने यह बात कही। वह ‘वर्तमान परिदृश्य में भगवान राम का महत्व और मंदिर की राजनीति’ विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम में लीडरशिप क्वालिटी थी। बिना किसी राजसी धमक के उन्होंने 14 साल बनवास किया और समाज व देश के उत्थान में अपना योगदान किया। वह अपने जीवन में भी विपरीत परिस्थितियों में महानायक की भूमिका में रहे और आज भी विपरीत परिस्थितियों में हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर जो राजनीति हो रही है, असल में वह राजनीति का मुद्दा है ही नहीं। अच्छा होगा कि इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाये। आपसी सहमति से हल निकल सकता है तो कानूनी लड़ाई लड़ना उचित नहीं है। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि केन्द्र सरकार चाहे तो इसे मुद्दा न बनने दे। वास्तव में चुनाव नजदीक आते ही मंदिर निर्माण पर राजनीति शुरू हो जाती है। अगर राम मंदिर बना तो एक दल को फायदा होता है, अगर नहीं बनता है तो बहुत सारे दलों को वोट मिल जाते हैं। इसलिए ईमानदारी से कोई नहीं चाहता कि मंदिर निर्माण हो। उन्होंने कहा कि जो राम मंदिर मुद्दा वर्ष 1982 में भावनात्मक मुद्दा था, वह वर्ष 1992 में राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। जोकि गलत है। वास्तव में राम राज्य की स्थापना होनी चाहिए न कि राम मंदिर की। उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर निर्माण पर शोर मचाने से अच्छा है कि केन्द्र सरकार न्याय और सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे पर जोर दे। इससे देश मजबूत होगा और लोग भी। इससे पूर्व डाॅ. गदिया ने मुख्य वक्ता नीरज कुमार सिंह को शाॅल व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल समेत शिक्षण स्टाफ व विद्यार्थी भारी संख्या में मौजूद रहे। सफल संचालन अमित पाराशर ने किया।