विश्व मोटापा दिवस पर यशोदा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने लोगों को किया जागरूक
यशोदा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पीएन अरोड़ा ने बताया कि विश्व मोटापा दिवस, वार्षिक अभियान की स्थापना विश्व मोटापा फेडरेशन ने वर्ष 2015 में की थी। यह दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता है, जोकि लोगों को स्वस्थ वज़न बनाए रखने एवं वैश्विक मोटापे की जटिलताओं को भी समाप्त करने के लिए चुना गया है । उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक मोटापे में वृद्धि रोकने के लिए सरकारों को तत्काल कार्रवाई करने प्रोत्साहित करने के लिए भी यह दिवस मनाया जाता है । यशोदा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ मधुमेह एवं लाइफस्टाइल डिजीज के चिकित्सक डॉ अमित छाबड़ा ने लोगों को हॉस्पिटल में आयोजित एक चित्र प्रदर्शनी एवं हेल्थ टॉक में बताया कि मोटापा एक ऐसी स्थिति है, जिससे व्यक्ति के शरीर में असामान्य या अत्यधिक वसा जमा हो जाती है, जोकि स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। आमतौर पर वयस्कों में अधिक वज़न और मोटापे को वर्गीकृत करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मानक/माप का नाम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमई) है। उन्होंने लोगो से कहा कि वे बहुत ही सरल तरीके से बीएमआई नाप सकते हैं , बीएमआई को व्यक्ति के वज़न को उसकी मीटर में ऊंचाई (किलोग्राम एम 2) से भाग देने से परिभाषित किया जाता है। डब्ल्यूएचओ अत्यधिक वज़न की पहचान, बीएमआई 25 से अधिक या उसके बराबर और मोटापा जब बीएमआई 30 से अधिक या बराबर से करता है ।
वरिष्ठ पेट रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश अग्रवाल एवं डॉ पुनीत गुप्ता ने बताया कि अधिक वज़न और मोटापे से पीड़ित वयस्कों की संख्या में वृद्धि जारी है। यदि मोटापे का उपचार नहीं किया जाता है, तो मोटापा गैर-संचारी रोग उत्पन्न करने का पूर्ववर्ती कारक हो सकता है, जिसमें हृदय संबंधी रोग (दिल का दौरा और स्ट्रोक), मधुमेह, मस्कुल्लोस्केलेटल विकार (ओस्टियोर्थ्राइटिस), कुछ कैंसर (स्तन, अंडाशय, प्रोस्टेट, यकृत, पित्ताशय की थैली, गुर्दा और कोलन) शामिल है। आज के दौर में, विश्व के 2.7 अरब वयस्क वर्ष 2025 तक अधिक वज़न और मोटापे से पीड़ित होगें। वरिष्ठ डायटीशियन भावना ने बताया कि स्वस्थ आहार खाने से मोटापा रोकने में मदद मिलती है-कुल वसा का सेवन सीमित करें और संतृप्त वसा से असंतृप्त वसा को बदलें तथा ट्रांस वसा को ख़तम करें। फलों, सब्जियों, दालों, साबुत अनाजों, फलियों और मेवों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करें। डॉ अमित छाबड़ा ने बताया कि चीनी एवं नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें। लोगों को शारीरिक गतिविधियों (बच्चों के लिए दिन में साठ मिनट और वयस्कों के लिए सप्ताह में 150 मिनट) के पर्याप्त स्तर में संलग्न रहना चाहिए। मोटापे के ज़ोखिम एवं सह-रूग्णता कम करने के लिए अधिकांश दिनों में कम से कम तीस मिनट नियमित एवं मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधियां की जानी चाहिए।