नवांकुर जनमेश मोहनानी की हिन्दी पर लिखी सारगर्भित कविता

 

हिदी है हम,हिदी का हम सब को अभिमान है
सारी भाषाएॅ प्यारी है, पर हिदी हमारी जान है

जन मे हिदी, मन मे हिदी, हिदी हो हर ग्राम में
हिंदी का उपयोग करें हम अपने हर एक काम में
एक सुर है,एक ताल है,एक हमारी तान है
सारी भाषाएॅ प्यारी हैं पर हिंदी हमारी जान है

राजभाषा है ये हमारी, राष्ट्रीयता का प्रतीक है 
हिंदी का विरोघ करना कया यह बात ठीक है?
हिंदी की जो निंदा करते, वे अब तक नादान है
सारी भाषाएॅ प्यारी है पर हिंदी हमारी जान है

पूरब-पशिचम,उतर-दक्षिण, हिंदी का हो शासन 
हर नेता दिया करे,सिफ॔ हिंदी में ही भाषण 
सारे विश्व में फैले हिंदी, हम सबका अरमान है
सारी भाषाएँ प्यारी है पर हिंदी हमारी जान है

News Reporter

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