नवांकुर आकाश भारद्वाज की पढ़िये सुन्दर कविता

 

पढ़ा था विद्यालय में विषय गणित और विज्ञान
 पर कभी ना दिया मैंने हिंदी पर ध्यान।
 हिंदी है मेरी सबसे बड़ी पहचान
 उसके बिना सब पूछते क्या है तेरा मान?
हिंदी को दिलाना है विश्व में सम्मान
कभी ना देख सकूंगा हिंदी का अपमान।

 हिंदी को हमें दिलाना है  उसकी खोई हुई पद
 हिंदी के सम्मान से बड़ा नहीं किसी का कद।
 हिंदी को हमने माना अपनी राष्ट्रभाषा
 विश्व  में बोली जाए यह है हमारी आशा।
 आज समय ऐसा है सबको भाता अंग्रेजी
 पर हिंदी की मिठास को सब समझते पहेली।
हिंदी हमारी आशा है हिंदी हमारी भाषा है
 हिंदी की उन्नति हो यह हमारी अभिलाषा है।
 हिंदी को रुकने ना देंगे हिंदी को झुकने ना देंगे
 हिंदी से सब कुछ सीखा है इस को कभी मिटने न देगे।
क्यों समझते हैं सब अंग्रेजी बोलने से खुद को महान
 भूल गए हम क्यों इसी अंग्रेजी ने बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम।
 सारी भाषाएं लेती हिंदी का सहारा
 जय हिंद जय भारत यह नारा हमारा।
 आज उसी भाषा को हम क्यों करते प्रणाम
 क्यों 14 सितंबर को ही होता हिंदी का सम्मान।
 जागो भारतीयों कहां गया हमारा स्वाभिमान।
 

आकाश भारद्वाज
कक्षा सातवीं स
डॉन बॉस्को स्कूल अलकनंदा
दिल्ली

News Reporter

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