नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी में सीधे असिस्टेंट प्रफेसर बनने के लिए अब पीएचडी जरूरी होगी। एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर ने बताया कि वर्ष 2021 से यह व्यवस्था लागू होगी। हालांकि कॉलेज में असिस्टेंट प्रफेसर बनने के लिए मास्टर डिग्री के साथ नेट या पीएचडी का नियम बरकरार रहेगा। जावडेकर ने कहा कि पहले के नियम में जो इन्सेंटिव हैं उन्हें बरकरार रखा गया है। लेकिन एपीआई को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि अब कॉलेज टीचर के लिए शोध करना जरूरी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी डिग्री हासिल किए व्यक्ति को अब देश में नेट एग्जाम से छूट मिलेगी, बशर्ते उसे एआईयू ने बराबर माना हो। साभार