खराब जीवनशैली से बढ़ती है हाइपरटेंशन की समस्या

अनियमित जीवनशैली के चलते लोगों में हाइपरटेंशन की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। जीवनशैली से जुड़ी जटिलताओं, बीमारियों, खाने-पीने की गलत आदतों, जागरूकताकी कमी के चलते बड़ी आबादी हाइपरटेंशन और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे स्ट्रोक, किडनी फेलियर, हार्ट अटैक एवं अन्य कार्डियो वैस्कुलर बीमारियों के शिकार हो रही है। हैरानी की बात यह है कि आज हर तीसरा व्यक्ति हाइपरटेंशन से पीड़ित है। नतीजन, हर साल लाखों लोग अपनी जान हाइपरटेंशन की वजह से गवां रहे हैं। ऐसा नहीं है कि शहरी आबादी ही हाइपरटेंशन की शिकार है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी इस बीमारी से पीड़ित होते जा रहे हैं। जेपी हाॅस्पिटल के कार्डियोलाॅजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डाॅ. गुंजन कपूर ने बताया कि हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है, जिसमें धमनियों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिसका असर धमनियों की दीवारों पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि आज भारत में स्ट्रोक के 29 फीसदी तथा हार्ट अटैक के 24 फीसदी मामलों का कारण हाइपरटेंशन ही है, वहीं 13 फीसदी किडनी फेल्योर के मामलों में भी हाइपरटेंशन ही जिम्मेदार है। चूंकि हाइपरटेंशन के लक्षण शुरुआती अवस्था में दिखाई नहीं देते, इसलिए इसे मूक हत्यारा भी कहा जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार भारत में तकरीबन 10.8 फीसदी मौतें तथा 4.6 फीसदी आजीवन अपंगताएं हाई ब्लड प्रेशर के कारण ही होती हैं। वहीं, पूरी दुनिया में हर तीसरा व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार है। इसके कारण हर साल दुनिया में तकरीबन 94 लाख लोगों की मौत होती है। ध्यान देने योग्य बात तो यह है कि इनमें से बहुत से लोगों को कभी पता ही नहीं चलता कि वे हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। इसके लिए जरूरी है कि नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक कराते रहें। अगर, इस पर नियंत्रण न किया जाए तो इसका बुरा असर हृदय, गुर्दों परिधीय धमनियों और आंखों पर भी पड़ सकता है।
नमक का न करें ज्यादा सेवन-
सीनियर कंसलटेंट डा. अनिल प्रसाद भट्ट ने बताया कि ब्लड प्रेशर किडनी रोगों का दूसरा मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों एवं नमक के बढ़ते सेवन के कारण इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नमक का ज्यादा सेवन करने का बुरा असर खून ले जाने वाली धमनियों पर पड़ता है, जिसके चलते धमनियों की दीवारें मोटी हो जाती हैं। इससे धमनियों के भीतर की जगह सिकुड़ जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। धीरे-धीरे धमनी इतनी संकरी हो जाती है कि अंग तक खून की आपूर्ति रुकने लगती है, जिससे अंग को पर्याप्त पोषण और आॅक्सीजन नहीं मिल पाते।
ये हैं स्ट्रोक के सामान्य लक्षण-
– तेज सिर दर्द।
– बोलने में परेशानी।
– ठीक से दिखाई न देना।
– अपने आपको भ्रमित महसूस करना।
– चिंता या अचानक शरीर में कमजोरी महसूस करना या संतुलन न बना पाना।

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